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क्या आप जानते है ?

1. रोजाना कम से कम 3 liter पानी (water) पीने से हम बहुत सी बीमारियों से बच सकते हैं ! 2. रोजाना 1 नीम्बू (lamon) खाने से मोटापे से बचा जा सकता है ! 3. रोजाना 1 कप दूध पीने से हड्डियों की समस्या (Bone problems) से बचा जा सकता है ! 4. रोजाना कम से कम 1 पत्ता तुलसी ( BASIL ) का खाने से हम कैंसर से बच सकते हैं !

क्या केला (Banana) भी नुकसानदेह हो सकता है ? जानिए ज्यादा केले खाने के side effects

1. 1 केले (Banana) में 100 कैलोरी होती है ! ज्यादा केले खाने से बजन बढ़ सकता है | 2. केले (Banana) में फ्रूक्टोस और फाइबर (Fructose and Fiber) होता है इसलिए  ज्यादा केले (Banana) खाने से गैस की प्रॉब्लम (gas problem) हो सकती है | 3. ज्यादा केले (Banana) खाने से body में पोटैशियम लेवल (potassium level) बढ़ जाता है जिससे Heart Problems बढ़ सकती है|

ये 21 घरेलू नुसखे! इन्हें अपनाइए और लाभ उठाइए !

1.प्याज के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है। 2. प्रतिदिन 1 अखरोट और 10 किशमिश बच्चों को खिलाने से बिस्तर में पेशाब करने की समस्या दूर होती है। 3.टमाटर के सेवन से चिढ़चिढ़ापन और मानसिक कमजोरी दूर होती है। यह मानसिक थकान को दूर कर मस्तिस्क को तंदरुस्त बनाये रखता है।

कुछ घरेलू युक्तिया (Some Homely Tips) इनको आजमा कर देखें

1. दही को जल्दी और अच्छी जमाने के लिए रात को जमाते वक्त दूध में हरी मिर्च का डंठल तोड़ कर डाल दे ! दही जबरदस्त जमेगी|| 2. अगर सब्जी में नमक ज्यादा हो गया हो तो आटे को गूंथ कर उसके छोटे - छोटे पेड़े ( लोइयां ) बना कर डाल दे नमक कम हो जायेगा|| 3. प्याज को काट कर बल्ब या ट्यूब लाईट के साथ बाँधने से मच्छर व छिपकिली और मोर का पंख घर में कहीं भी लगाने से केवल छिपकिली नही आती हैं || 4. यदि फ्रिज में कोई भी खुशबू या बदबू आती है तो आधा कटा हुआ निम्बू रखने से ख़त्म हो जायेगी||

झटपट चेहरा चमकाने के 23 घरेलू नुस्खे

चमकता चेहरा किसे अच्छा नहीं लगता है, लेकिन फिर भी अधिकतर लोग इस दुविधा में रहते हैं कि आखिर वे कम समय में कैसे अपना चेहरा चमका सकते हैं। वैसे तो परफेक्ट स्किन पाना बहुत आसान काम नहीं है। इसके लिए सही खान-पान के साथ ही त्वचा की उचित देखभाल भी जरूरी है, लेकिन आजकल अधिकतर लोग समय की कमी के कारण त्वचा पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते। इस वजह से स्किन डल हो जाती है। यदि आपके साथ भी यही समस्या है, तो हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे आसान घरेलू तरीके जिन्हें आप अपना लेंगे तो चेहरा चमकने लगेगा। 1.  दो छोटे चम्मच बेसन में आधा छोटा चम्मच हल्दी मिलाएं। इस मिश्रण में दस बूंद गुलाब जल व दस बूंद नींबू मिलाकर फेंटे। उसके बाद थोड़ा कच्चा दूध मिलाकर पतला लेप बना लें।

रोज खाएं कढ़ी पत्ते, होंगे ये 11 फायदे

करी पत्ते भारतीय पकवानों में तड़का लगाने के काम आते हैं। इसे 'मीठी नीम' भी कहा जाता है। मीठी नीम के पत्तों में कई सारे औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। इनकी महक और स्वाद से खाने में तो स्वाद आता ही है, साथ में यह ढेर सारे स्वास्थ लाभ से भी भरपूर है। आजकल कम उम्र में ही बाल सफेद होना एक आम बात है, इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे खराब लाइफस्टाइल या फिर भोजन में सही प्रकार का पोषण न मिलना आदि। करी पत्ते बालों को काला करने में एक मददगार औषधि है। इनका नियमित उपयोग करने से आपके बालों में जान आ जाएगी और वे काले होने लगेंगे। बहुत ज्यादा केमिकल का इस्तेमाल और प्रदूषण की वजह से बालों को काफी नुकसान होता है। करी पत्ते में वो सारे पोषण तत्व पाए जाते हैं, जो बालों को स्वस्थ रखते हैं। करी पत्तों का पेस्ट बनाकर सारे शरीर पर लगाएं या फिर इसे सीधे बालों की जड़ों में लगाएं। इससे आपके बाल काले, लंबे और घने हो जाएंगें। साथ ही, बालों की जड़ें भी मज़बूत होंगी। 1.बालों का गिरना कम करता है करी पत्ता में विटामिन बी1 बी 3 बी9 और सी होता है। इसके अलावा इसमें आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस भी होते हैं। रोज़ा...

करेला खाने के फायदे जो आप नहीं जानते होंगे

करेला के गुणों से सब परिचित हैं | मधुमेह के रोगी विशेषतः इसके रस और सब्जी का सेवन करते हैं | समस्त भारत में इसकी खेती की जाती है | इसके पुष्प चमकीले पीले रंग के होते हैं | इसके फल 5-25 सेमी लम्बे,5 सेमी व्यास के,हरे रंग के,बीच में मोटे,सिरों पर नुकीले,कच्ची अवस्था में हरे तथा पक्वावस्था में पीले वर्ण के होते हैं | इसके बीज 8-13 मिमी लम्बे,चपटे तथा दोनों पृष्ठों पर खुरदुरे होते हैं जो पकने पर लाल हो जाते हैं | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जून से अक्टूबर तक होता है | आज हम आ पको करेले के कुछ औषधीय प्रयोगों से अवगत कराएंगे - 1- करेले के ताजे फलों अथवा पत्तों को कूटकर रस निकालकर गुनगुना करके 1-2 बूँद कान में डालने से कान-दर्द लाभ होता है |

अमरबेल के उपयोग..

यह एक ही वृक्ष पर प्रतिवर्ष पुनः नवीन होती है तथा यह वृक्षों के ऊपर फैलती है , भूमि से इसका कोई सम्बन्ध नहीं रहता अतः आकाशबेल आदि नामों से भी पुकारी जाती है | अमरबेल एक परोपजीवी और पराश्रयी लता है , जो रज्जु [रस्सी ] की भांति बेर , साल , करौंदे आदि वृक्षों पर फ़ैली रहती है | इसमें से महीन सूत्र निकलकर वृक्ष की डालियों का रस चूसते रहते हैं , जिससे यह तो फलती- फूलती जाती है , परन्तु इसका आश्रयदाता धीरे - धीरे सूखकर समाप्त हो जाता है | आज हम अमरबेल के कुछ औ षधीय गुणों की चर्चा कर रहे हैं ---- १-अमरबेल को तिल के तेल में या शीशम के तेल में पीसकर सर पर लगाने से गंजेपन में लाभ होता है तथा बालों की जड़ मज़बूत होती हैं | यह प्रयोग धैर्य पूर्वक लगातार पांच से छह सप्ताह करें |

जुक़ाम (COLD)

जुक़ाम होना एक आम समस्या है | जुक़ाम का रोग किसी मौसम में हो सकता है परन्तु यह अक्सर दो मौसमों के बीच में होता है जैसे गर्मी और सर्दी | जुक़ाम प्रदूषण के कारण भी हो सकता है | किसी गर्म जगह से एकदम ठंडी जगह पर चले जाने के कारण,पेट में कब्ज,गर्म के ऊपर एकदम ठंडी वस्तुओं का सेवन,बारिश में अधिक भीगने तथा कसरत करने के तुरंत बाद नहाने से जुक़ाम हो जाता है | जुक़ाम का विभिन्न औषधियों से उपचार - १- दस तुलसी के पत्ते तथा पांच काली मिर्च  पानी में चाय की भांति उबालें तथा थोड़ा सा गुड़ डालें | इसे छानकर पीने से जुक़ाम में बहुत लाभ होता है |

फिटकरी के उपयोग..

फिटकरी आमतौर पर सब घरों में प्रयोग होती है | यह लाल व सफ़ेद दो प्रकार की होती है | अधिकतर सफ़ेद फिटकरी का प्रयोग ही किया जाता है | यह संकोचक अर्थात सिकुड़न पैदा करने वाली होती है | फिटकरी में और भी बहुत गुण होते हैं | आज हम आपको फिटकरी के कुछ गुणों के विषय में बताएंगे - १- यदि चोट या खरोंच लगकर घाव हो गया हो और उससे रक्तस्त्राव हो रहा हो तो घाव को फिटकरी के पानी से धोएं तथा घाव पर फिटकरी का चूर्ण बनाकर बुरकने से खून बहना बंद हो जाता है |

प्याज़ के उपयोग..

हम सभी प्रायः प्याज़ का प्रयोग सलाद के रूप में तथा दाल -सब्ज़ी का स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं , आइये आज जानते हैं इसके कुछ सरल औषधीय प्रयोग - १- यदि जी मिचला रहा हो तो प्याज़ काटकर उसपर थोड़ा काला -नमक व थोड़ा सेंधा -नमक डालकर खाएँ , लाभ होगा |  २-पेट में अफ़ारा होने पर दिन में तीन बार निम्न औषधि का प्रयोग किया जा सकता है - प्याज़ का रस -२० ml ; काला -नमक -१ ग्राम व हींग -१/४ ग्राम लें ,इन सबको मिलाकर रोगी को पिलाएँ | 

कान के दर्द से बचने के कुछ घरेलु उपाय !

गर्मियों में कान के अंदरूनी या बाहरी हिस्से में संक्रमण होना आम बात है| अधिकतर तैराकों को ख़ास-तौर पर इस परेशानी का सामना करना पड़ता है | कान में फुंसी निकलने,पानी भरने या किसी प्रकार की चोट लगने की वजह से द र्द होने लगता है | कान में दर्द होने के कारण रोगी हर समय तड़पता रहता है तथा ठीक से सो भी नहीं पाता| बच्चों के लिए कान का दर्द अधिक पीड़ा भरा होता है | लगातार जुक़ाम रहने से भी कान का दर्द हो जाता है | आज हम आपको कान के दर्द के लिए कुछ घरेलू उपचार बताएंगे - १- तुलसी के पत्तों का रस निकाल लें| कान में दर्द या मवाद होने पर रस को गर्म करके कुछ दिन तक लगातार डालने से आराम मिलता है |

दांतों में कीड़े लगना -

यह एक आम समस्या है,खासतौर पर बच्चों में यह कष्ट अधिक देखने को मिलता है | दांतों की नियमित सफाई न करने से दांतों के बीच में अन्न कण फंसे रहते हैं और इन्ही अन्न कणों के सड़ने की वजह से दांतों में कीड़े लग जाते हैं जिससे दांतों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं | इसी कारण दांत खोखले हो जाते हैं,मसूड़े ढीले पड़ जाते हैं तथा दांत टूटकर गिरने लगते हैं | दांतों की नियमित सफाई करके इस समस्या से बचा जा सकता है | इस रोग में दांतों में तेज़  दर्द होता है और मसूड़े सूज जाते हैं | दांतों में कीड़े लगने पर कुछ घरेलू उपचारों द्वारा आराम पाया जा सकता है - १- दालचीनी का तेल रूई में भरकर पीड़ायुक्त दांत के गढ्ढे में रखकर दबा लें | इससे दांत के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द में शांति मिलती है |

हींग (ASAFOETIDA) के उपयोग..

हींग का उपयोग आमतौर पर दाल-सब्जी में छौंक लगाने के लिए किया जाता है इसलिए इसे 'बघारनी 'के नाम से भी जाना जाता है । यह भारत के उत्तर पश्चिमी राज्यों से कश्मीर एवं पंजाब में पायी जाती है | हींग आहार में रूचि उत्पन्न करके अग्नि को प्रदीप्त करती है | हींग फेरूला फोइटिस नामक पौधे का चिकना रस है | इसके पौधे के पत्तों और छाल में हलकी चोट देने से दूध निकलता है और वही दूध पेड़ पर सूख कर गोंद बन ता है,उसे निकालकर सुखा लिया जाता है,जिसे बाद में हींग के नाम से जाना जाता है | हींग एक गुणकारी औषधि है | यह हलकी,गर्म और पाचक है | आईये जानते हैं हींग के औषधीय गुणों के विषय में - १- हींग को पानी में पीसकर पेट पर (नाभी के आसपास) लेप करने से उलटी बंद हो जाती है और पेट दर्द में भी आराम मिलता है |

चावल के उपयोग..

यह मूलतः भारत एवं चीन में पाया जाता है | इसकी विश्व के सभी उष्ण कटिबंधीय एवं उप उष्णकटिबंधीय देशों में कृषि होती है | चावल के शीतल एवं शक्तिवर्धक होने की वजह से इसका प्रयोग प्राचीन काल से भोज्य के रूप में किया जा रहा है । आयुर्वेद की संहिताओं में चावल के कई भेदों का उल्लेख प्राप्त होता है | धान को ओखली में या मशीनों द्वारा पीसकर उसके ऊपर के छिलकों को अलग किया जाता है | बिना छिलकों के धान के दानों को चावल कहा जाता है | यह मुख्यतः बारिश के मौसम की फसल है | आयुर् वेद के अनुसार केवल ६० दिनों में तैयार होने वाले साठी चावल अधिक गुणकारी माने जाते हैं | कारखाने में पॉलिश किये गए चावलों की अपेक्षा हाथकूट के चावल उत्तम होते हैं | आईये जानतें हैं चावल के कुछ औषधीय गुण - १- चावलों में चर्बी का तत्त्व बहुत कम होने से ये पचने में अतिशय लघु और हलके होते हैं | चावल के साथ दाल मिलाने से उसका वायुकारक गुण कम हो जाता है | अतः रोगियों के लिए चावल और मूंग की दाल की खिचड़ी पचने में हलकी और पौष्टिक मानी जाती है |

मसूड़ों की सूजन (GINGIVITIS)

मसूड़ों पर चोट लगने या अधिक गर्म पदार्थ व सख्त चीज़ें खाने से मसूड़ों पर दबाव पड़ता है,जिससे मसूड़ों में सूजन उत्पन्न हो जाती है | सूजन होने से मसूड़े ढीले पड़ जातें हैं जिससे दांतों का नुकसान होता है | इसका इलाज न होने पर दांत हिलकर गिरने लगते हैं | आज हम आपको मसूड़ों की सूजन के लिए कुछ सरल उपचार बताएंगे - १- भुनी फिटकरी,सेंधा नमक,काली मिर्च तथा हरड़ का छिलका इन सबको १०-१० ग्राम की मात्रा में लें | इन्हें अच्छी तरह कूट कर  छान लें | प्रतिदिन सुबह-शाम इस मंजन को मसूड़ों पर मलने से मसूड़ों का ढीलापन,सूजन व दर्द ख़त्म हो जाता है | २- सौंठ को पीसकर चूर्ण बना लें | इस ३ ग्राम चूर्ण को पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से मसूड़ों की सूजन में लाभ होता है |

कढ़ी पत्ता या मीठी नीम के फायदे...

अक्सर हम भोजन में से कढ़ी पत्ता निकाल कर अलग कर देते है | इससे हमें उसकी खुशबु तो मिलती है पर उसके गुणों का लाभ नहीं मिल पाता |कढ़ी पत्ते को धो कर छाया में सुखा कर उसका पावडर इस्तेमाल करने से बच्चे और बड़े भी भी इसे आसानी से खा लेते है ,इस पावडर को हम छाछ और निम्बू पानी में भी मिला सकते है | इसे हम मसालों में , भेल में भी डाल सकते है | इसकी छाल भी औषधि है | हमें अपने घरों में इसका पौधा लगाना चाहिए |  - कढ़ी पत्ता पाचन के लिए अच्छा होता है ,यह डायरिया ,  डिसेंट्री,पाइल्स , मन्दाग्नि में लाभकारी होता है | यह मृदु रेचक होता है |

आम के फायदे...

आम को शास्त्रों में अमृत फल माना गया है | आम को फलों का राजा भी कहा जाता है  १- यदि बच्चों को मिट्टी खाने की आदत हो तो उसे छुड़ाने के लिए आम की गुठली की गिरी का चूर्ण पानी में मिलाकर दिन में दो -तीन बार पिलायें , इस प्रयोग से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं | २-सूखी खांसी - एक पका हुआ अच्छा सा आम लें , उसे आग में भून लें | जब यह ठंडा हो जाए तो इसे धीरे -धीरे चूसें , इससे सूखी खांसी में लाभ होता है |

घमौरियां या प्रिकली हीट

गर्मी के मौसम में पसीना आना स्वाभाविक है | इस पसीने को यदि साफ़ न किया जाए तो यह शरीर में ही सूख जाता है और इसकी वजह से शरीर में छोटे -छोटे दाने निकल आते हैं जिन्हें हम घमौरियां या प्रिकली हीट कहते हैं | घमौरी एक प्रकार का चर्म रोग है जो गर्मियों तथा बरसात में त्वचा पर हो जाता है | इसमें त्वचा पर छोटे -छोटे दाने निकल आते हैं ,जिनमें हर समय खुजली होती रहती है | घमौरियों से निजात पाने के लिए हम आपको कुछ सरल उपाय बताते हैं - १- मेंहदी के पत्तों को पीसकर न हाने के पानी में मिला लें | इस पानी से नहाने से घमौरियां ठीक हो जाती हैं | २- देसी घी की पूरे शरीर पर मालिश करने से घमौरियां मिटती हैं |

आँख आना [ Conjunctivitis ] के घरेलू उपचार

Conjunctivitis एक आम वायरल इन्फ़ेक्शन है जो कभी-कभी बैक्टीरिया से भी होता है , इसे आम भाषा में आँख आना कहते हैं |  आँख का लाल होना , दर्द होना और आँख से पानी आना इसके मुख्य लक्षण हैं | आँख आने पर आँखों में कुछ अटका हुआ सा प्रतीत होता है | इस रोग में आँख खोलने से भी दर्द होता है और रोग के बढ़ने पर गाढ़ा -गाढ़ा पदार्थ भी निकलता है इसलिए रात में पलकें चिपक जाती हैं, जोकि पीड़ादायक है |

गन्ने का रस के फायदे...

1- गन्ने के रस का नियमित सेवन करने से शरीर का दुबलापन,पेट की गर्मी ,हृदय की जलन एवं कमज़ोरी दूर होती है । ग्रीष्म ऋतू में इसका विशेष लाभ होता है । 2- गन्ने का रस पीलिया रोग में बहुत लाभदायक है | एक गिलास गन्ने के रस में नींबू निचोड़कर पीने से पीलिया में बहुत लाभ होता है |

भिंडी के फायदे...

भिन्डी को तो शायद ही कोई हो जो पसंद न करता हो आपको भिन्डी के बारे में यह सेहत का खजाना होती है| भिन्डी में पेक्टोस होने की वजह से यह क्षारीय होती है और जिलेटिन की वजह से एसिडिटी, अपच के शिकार लोगों को ठंडक पहुंचाती है। जिन लोगों को पेशाब से सम्बंधित समस्याएं होती है, उन्हें डॉक्टर खासतौर से भिंडी खाने की हिदायत देते है। 1- भिन्डी में विटामिन ए, बी, सी बहुत ही प्रचुर मात्रा में पाया जाता है .इसमे प्रोटीन और खनिज लवणों का एक अच्छा स्रोत है .

दांत दर्द के घरेलू उपचार...

दांत दर्द कई कारणों से होता है मसलन किसी तरह के संक्रमण से या डाईबिटिज की वजह से या ठीक ढंग से दांतों की साफ सफाई नहीं करते रहने से। यूँ तो दांत दर्द के लिए कुछ ऐलोपैथिक दवाइयां होती हैं लेकिन उनके बहुत हीं कुप्रभाव होते हैं जिसकी वजह से लोग चाहते हैं की कुछ घरेलू उपचार से इसे ठीक कर लिया जाये। अगर आप भी दांत दर्द से परेशान है एवं इसके उपचार के लिए प्रभावकारी घरेलू उपाय चाहते हैं तो नीचे दिए गए उपायों पर अमल करें।

अगर हो जाएं मुंह में छाले..

मुंह में अगर छाले हो जाएं तो जीना मुहाल हो जाता है। खाना तो दूर पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन, इसका इलाज आपके आसपास ही मौजूद है। मुंह के छाले गालों के अंदर और जीभ पर होते हैं। संतुलित आहार, पेट में दिक्कत, पान- मसालों का सेवन छाले का प्रमुख कारण है। छाले होने पर बहुत तेज दर्द होता है। आइए हम आपको मुंह के छालों से बचने के लिए घरेलू उपचार बताते हैं। मुंह के छालों से बचने के घरेलू उपचार –

उच्च रक्त चाप के लक्षण व उपचार

रक्त चाप बढने से तेज सिर दर्द,थकावट,टांगों में दर्द ,उल्टी होने की शिकायत और चिडचिडापन होने के लक्छण मालूम पडते हैं। यह रोग जीवन शैली और खान-पान की आदतों से जुडा होने के कारण केवल दवाओं से इस रोग को समूल नष्ट करना संभव नहीं है। जीवन चर्या एवं खान-पान में अपेक्षित बदलाव कर इस रोग को पूरी तरह नियंत्रित किया सकता है। हाई ब्लड प्रेशर के मुख्य कारण--

पीलिया निवारक घरेलु उपचार -

पीलिया यकॄत का बहुधा होने वाला रोग है। इस रोग में चमडी और श्लेष्मिक झिल्लियों के रंग में पीलापन आने लगता है। ऐसा खून में पित्त रस (bile) की अधिकता की वजह से होता है। रक्त में बिलरुबिन की मात्रा बढ जाती है। हमारा लिवर पित्त रस का निर्माण करता है जो भोजन को पचाने और शरीर के पोषण के लिये जरूरी है। यह भोजन को आंतों में सडने से रोकता है। इसका काम पाचन प्रणाली को ठीक रखना है। अगर पित्त ठीक ढंग से आंतों में नहीं पहुंचेगा तो पेट में गैस की शिकायत बढ जाती है और शरीर में जहरीले तत्व एकत्र होने लगते हैं।

केले के फायदे...

केले में पोटैशियम पाया जाता है, जो कि ब्लड प्रेशर के मरीज के लिए बहुत फायदेमंद है। केले का शेक पेट को ठंडक पहुंचाता है। केले में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। केला पाचन क्रिया को सुचारु करता है। अल्सर के मरीजों के लिए केले का सेवन फायदेमंद होता है।

मुंहासों के दाग-धब्बे के लिए घरेलू नुस्खे........

*टमाटर के रस में रुई भिगोकर दागो पर मलें। या टमाटर में नींबू की दस-बारह बूंदे मिलाएं इस मिश्रण को चेहरे पर मलने से दाग- धब्बे दूर होते हैं। *जायफल को घिसकर दस पीसी काली मिर्च व थोड़े कच्चे दूध में मिलाकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं। दो घंटे बाद चेहरा धो लें। *मसूर की दाल और बरगद के पेड़ की नर्म पत्तियां पीसकर लेप करें *सूखी हल्दी की गांठ को नींबू के रस में घिस कर लगाने से भी दाग- धब्बे तेजी से मिटने लगते हैं। *त्वचा पर जहां पर चकते हो उन पर नींबू का टुकड़ा रगड़े या नींबू में फिटकरी भरकर रगड़े। इससे चकते हल्के पड़ जाएंगे और त्वचा में निखार आएगा।

बादाम रोगन के फायदे -----

बोर्नविटा , कॉम्प्लान आदि पर हज़ारों रुपये खर्च करने की बजाये बादाम रोगन ख़रीदे। - सोने से पूर्व आँखों के चारों ओर बादाम रोगन की हल्की-हल्की मालिश करने से चेहरे पर निखार आता है और झुर्रियां नहीं पड़ती। - सिर की खुश्की मिटाने के लिए सिर पर बादाम रोगन की मालिश करें।

नींबू के उपयोग -----

नींबू को विटामिन ''सी'' का सबसे अच्छा स्त्रोत व स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। विशेषकर पेट से संबंधित समस्याओं के लिए नींबू का प्रयोग अनेक तरीकों से किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं नींबू के ऐसे ही कुछ प्रयोगों के बारे में जिनसे आप कई छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पा सकते हैं।

जायफल के 33 उपयोग जो आपने नहीं सुने होंगे

रसोई का मसाला जायफल गुणकारी औषधि भी है.आयुर्वेद में जायफल को वात एवं कफ नाशक बताया गया है।  आमाशय के लिए उत्तेजक होने से आमाशय में पाचक रस बढ़ता है, जिससे भूख लगती है। आंतों में पहुंचकर वहां से गैस हटाता है। ज्यादा मात्रा में यह मादक प्रभाव करता है। इसका प्रभाव मस्तिष्क पर कपूर के समान होता है, जिससे चक्कर आना, प्रलाप आदि लक्षण प्रकट होते हैं। इससे कई बीमारियों में लाभ मिलता है तथा सौन्दर्य सम्बन्धी कई समस्याओं से भी निजात मिलती है। 1. सुबह-सुबह खाली पेट आधा चम्मच जायफल चाटने से गैस्ट्रिक, सर्दी-खांसी की समस्या नहीं सताती है। पेट में दर्द होने पर चार से पांच बूंद जायफल का तेल चीनी के साथ लेने से आराम मिलता है।

झुर्रियाँ हटाने के लिए कुछ घरेलु उपाए

आधा चम्मच दुध की ठंडी मलाई में नींबु के रस की चार पाँच बूंदें मिलाकर झुर्रियाँ पर सोते समय अच्छी तरह मलें। पहले गुनगुने पानी से चेहरा अच्छी मलें। फिर गुनगुने पानी से चेहरा अच्छी तरह धोएं और बाद में खुरदरे तौलिए से रगड-पौंछकर सुखा लें। इसके बाद मलाई दोनों हथेलियों से तब तक मलते रहें जब तक कि मलाई घुलकर त्वचा में रम न जाए। बीस मिनट या आधा घण्टे बाद स्नान कर लें या पानी से धो डालें परन्तु साबुन का प्रयोग न  करें। नित्य १५ - २० दिन तक नियमित प्रयोग से झुर्रियाँ दुर होती हैं तथा चेहरे के काले दाग मिट जाते हैं। 1. पके हुए पपीते का एक टुकडा काटकर चेहरे पर घिसें या गूदा मसलकर चेहरे पर लगाएं। कुछ देर बाद स्नान कर लें। कुछ दिन लगातार ऐसा करने से चेहरे की झुर्रियाँ, धब्बे, दूर होते हैं, मैल नष्ट होता है। व मुहाँसे मिटकर चेहरे की रंगत निखरती है।

फटी एड़ियो का उपचार.....

शरीर में उष्णता या खुश्की बढ़ जाने, नंगे पैर चलने-फिरने, खून की कमी, तेज ठंड के प्रभाव से तथा धूल-मिट्टी से पैर की एड़ियां फट जाती हैं। यदि इनकी देखभाल न की जाए तो ये ज्यादा फट जाती हैं और इनसे खून आने लगता है, ये बहुत दर्द करती हैं। एक कहावत शायद इसलिए प्रसिद्ध है- जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई। घरेलू इलाज * अमचूर का तेल 50 ग्राम, मोम 20 ग्राम, सत्यानाशी के बीजों का पावडर 10 ग्राम और शुद्ध घी 25 ग्राम। सबको मिलाकर एक जान कर लें और शीशी में भर लें। सोते समय पैरों को धोकर साफ कर लें और पोंछकर यह दवा बिवाई में भर दें और ऊपर से मोजे पहनकर सो जाएं। कुछ दिनों में बिवाई दूर हो जाएगी, तलवों की त्वचा साफ, चिकनी व साफ हो जाएगी।

सुन्दरता को निखारिये आसन उपायों से...

कच्चे दूध में रूई का फाहा भिगोकर चेहरा साफ़ करने से कील मुहाँसे और झाँई दूर होकर त्वचा स्वस्थ बनती है। हल्दी और चंदन का चूर्ण दूध में भिगोकर चेहरे पर लगाने से थकी और मुरझाई त्वचा स्वस्थ होती है। तरबूज़ के रस को चेहरे पर लगाएँ और सूख जाने पर धो दें। इससे दाग धब्बे दूर होते हैं तथा त्वचा साफ़ होकर निखर जाती है। मसूर की दाल और दूध के उबटन में घी मिलाकर शरीर पर लगाने से त्वचा नर्म और चमकदार बन जाती है। एक एक-एक चम्मच ग्लिसरीन, गुलाबजल और नींबू का रस मिलाकर हाथों से मलें और सूख जाने पर धो दें। इससे सख्त हाथ मुलायम हो जाएँगे। उँगलियों पर ज़रा-सा बादाम या जैतून का तेल लेकर नियमित रूप से भौंहों और बरौनियों पर लगाने से वे घनी और चमकदार बन जाती हैं। बालों में चमक लाने के लिए १ प्याला पानी मे ३ बडे चम्मच सफेद सिरका मिलाकर लगाएँ और १५ मिनट बाद धो दें। आँखों के पास गहरे घेरों और सूजन के लिए खीरे के पतले टुकड़ों को आँखों पर रखकर बीस मिनट आराम करें, फिर चेहरा धो दें।

पुदीने के उपयोग -----

पुदीने का उपयोग अधिकांशतः चटनी या मसाले के रूप में किया जाता है। पुदीना एक सुगंधित एवं उपयोगी औषधि है। यह अपच को मिटाता है। आयुर्वेद के मतानुसार पुदीना, स्वादिष्ट, रुचिकर, पचने में हलका, तीक्ष्ण, तीखा, कड़वा, पाचनकर्ता, उलटी मिटाने वाला, हृदय को उत्तेजित करने वाला, शक्ति बढ़ानेवाला, वायुनाशक, विकृत कफ को बाहर लाने वाला, गर्भाशय-संकोचक, चित्त को प्रसन्न करने वाला, जख्मों को भरने वाला, कृमि, ज्वर, विष, अरुचि, मंदाग्नि, अफरा, दस्त, खाँसी, श्वास, निम्न रक्तचाप, मूत्राल्पता, त्वचा के दोष, हैजा, अजीर्ण, सर्दी-जुकाम आदि को मिटाने वाला है।

साधारण '' कारगर '' नुस्खे, जो हर दिन आपके काम आएंगे

- पके हुए केले को अच्छी तरह से मैश करें और चेहरे पर फेसपैक की तरह लगाएं। करीब 15 मिनट बाद धो लें। ऐसा करने से चेहरे की त्वचा में निखार आता है। - दो चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू के रस का मिश्रण त्वचा पर लगाएं। करीब 20 मिनिट बाद इसे साफ कर लें, त्वचा नर्म और मुलायम हो जाएगी।

तुलसी के उपयोग..

तुलसी में गजब की रोगनाशक शक्ति है। विशेषकर सर्दी, खांसी व बुखार में यह अचूक दवा का काम करती है। इसीलिए भारतीय आयुर्वेद के सबसे प्रमुख ग्रंथ चरक संहिता में कहा गया है। - तुलसी हिचकी, खांसी,जहर का प्रभाव व पसली का दर्द मिटाने वाली है। इससे पित्त की वृद्धि और दूषित वायु खत्म होती है। यह दूर्गंध भी दूर करती है।

संतरे के उपयोग..

विटामिन सी से भरपूर संतरा पोषकीय तत्वों और रोग निवारक क्षमताओं से युक्त एक अत्यंत उपयोगी फल है नींबू परिवार का.. - एक सामान्य आकार के संतरे में पाए जाने वाले तत्वों का विवरण इस प्रकार है। प्रोटीन-0.25 ग्राम, कार्बोज 2.69 ग्राम, वसा 0.03 ग्राम, कैल्शियम 0.045 प्रतिशत, फास्फोरस 0.021 प्रतिशत, लोहा 5.2 प्रतिशत, तांबा 0.8 प्रतिशत। - संतरे की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि इसका रस शरीर के अंदर पहुंचते ही रक्त में रोग निवारणीय कार्य प्रारंभ हो जाता है। इसमे ं पाए जाने वाले ग्लूकोज एवं डेक्सट्रोज जैसे जीवनशक्ति प्रदान करने वाले तत्व पचकर शक्तिवर्धन का कार्य करने लगते हैं। इसका रस अत्यंत दुर्बल व्यक्ति को भी दिया जा सकता है। - संतरे में पाये जाने वाले उपयोगी तत्वों के कारण यह अनेक शारीरिक रोगों से मुक्ति दिलाता है।

गले में खराश के घरेलू नुस्खे

सर्दियों के मौसम में सर्दी-जुकाम व गले में खराश होना एक आम बात है। सर्दी-जुकाम होने से पहले आपके गले में दर्द व खराश जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। लंबे समय तक गले में खराश होना काफी तकलीफदेह हो जाता है साथ ही यह आपके गले को भी जाम कर देता है। गले मे होने वाली खराश अन्य बीमारियों की तरह लंबे समय तक नही रहती लेकिन कुछ ही दिनों में यह आपको पूरी तरह से प्रभावित कर बीमार कर देती हैं। क्या है गले की खराश गले में खराश एक बहुत ही सामान्य श्वसन समस्या है। यह मूल रूप से तब होती है जब गले की नाजुक अंदरूनी परत वायरस/ बैक्टीरिया से संक्रमित होती है, जिसके परिणामस्वरूप सूजन, स्राव खांसी और शरीर के सामान्य संक्रमण के प्रभाव के लक्षण होते हैं। कभी-कभी लंबे समय तक गले में रहने वाली खराश किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और पूरी चिकित्सा लें।

हल्दी वाले दूध के उपयोग..

- रात को सोते समय देशी गाय के गर्म दूध में एक चम्मच देशी गाय का घी और चुटकी भर हल्दी डालें . चम्मच से खूब मिलाकर कर खड़े खड़े पियें. - इससे त्रिदोष शांत होते है. - संधिवात यानी अर्थ्राईटिस में बहुत लाभकारी है. - किसी भी प्रकार के ज्वर की स्थिति में , सर्दी खांसी में लाभकारी है. - हल्दी एंटी माइक्रोबियल है इसलिए इसे गर्म दूध के साथ लेने से दमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में कफ और साइनस जैसी समस्याओं में आराम होता है. यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है.

सौंठ के आयुर्वेदिक उपयोग

सौंठ में अदरक के सारे गुण मौजूद होते हैं। सौंठ दुनिया की सर्वश्रेष्ठवातनाशक औषधि है. आम का रस पेट में गैस न करें इसलिए उसमें सौंठ और घी डाला जाता है। सौंठ में उदरवातहर (वायुनाशक) गुण होने से यह विरेचन औषधियों के साथ मिलाई जाती है। यह शरीर में समत्व स्थापित कर जीवनी शक्ति और रोग प्रतिरोधक सामर्थ्य को बढ़ाती है । बहुधा सौंठ तैयार करने से पूर्व अदरख को छीलकर सुखा लिया जाता है । परंतु उस छीलन में सर्वाधिक उपयोगी तेल (इसेन्शयल ऑइल) होता है, छिली सौंठ इसी कारण औषधीय गुणवत्ता की दृष्टि से घटिया मानी जाती है । वेल्थ ऑफ इण्डिया ग्रंथ के विद्वान् लेखक गणों का अभिमत है कि अदरक को स्वाभाविक रूप में सुखाकर ही सौंठ की तरह प्रयुक्त करना चाहिए । तेज धूप में सुखाई गई अदरक उस सौंठ से अधिक गुणकारी है जो बंद स्थान में कृत्रिम गर्मी से सुखाकर तैयार की जाती है ।  गर्म प्रकृति वाले लोगो के लिए सौंठ अनुकूल नहीं है.

अनार के उपयोग..

* रोज एक गिलास अनार का जूस पीजिए। अनार का रस पेट पर जमी चर्बी तथा कमर पर टायर की तरह लटकते मांस को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। * अपच : यदि आपको देर रात की पार्टी से अपच हो गया है तो पके अनार का रस चम्मच, आधा चम्मच सेंका हुआ जीरा पीसकर तथा गुड़ मिलाकर दिन में तीन बार लें। * प्लीहा और यकृत की कमजोरी तथा पेटदर्द अनार खाने से ठीक हो जाते हैं।

आंवले के उपयोग..

आंवले को आयुर्वेद में गुणों की खान माना गया है। यह कई बीमारियों को दूर करता है। इसका अपना पौष्टिक महत्व भी है। संतरे से बीस गुना ज्यादा विटामिन सी इसमें पाया जाता हैं। आंवले को गूजबेरी के नाम से भी जाना जाता हैं। आंवले का सबसे बड़ा गुण यह है कि इसे पकाने के बाद भी इसमें मौजूद विटामिन सी खत्म नहीं होता।आज हम आपको बताने जा रहे हैं आंवले के कुछ ऐसे ही पौष्टिक गुणों के बारे में...... -आंवला मोतियाबिंद की परेशानी में फायदेमंद रहता है। - सुबह नाश्ते में आंवले का मुरब्बा खाने से आ प स्वस्थ बने रह सकते हैं।

गुटका,तंबाकू,बी ड़ी सिगरेट,शराब से मुक्ति

अदरक के छोटे छोटे टुकड़े कर लो उस मे नींबू निचोड़ दो थोड़ा सा काला नमक मिला लो और इसको किसी कांच या चीनी के बर्तन में डाल कर धूप मे सूखा लो l जब इसका पूरा पानी खतम हो जाए और अदरक सूख जाए तो इन अदरक के टुकड़ो को किसी कांच के बर्तन में रख लो l जब भी गुटका,तंबाकू,बी ड़ी सिगरेट,शराब पीने का मन करे तो आप एक अदरक का टुकड़ा निकालो मुंह मे रखो और चूसना शुरू कर दो l इसको चूसते रहो आपको गुटका खाने की तलब ही नहीं उठेगी, तंबाकू सिगरेट लेने की इच्छा ही नहीं होगी शराब पीने का मन ही नहीं करेगा l

बालों को झडऩे से रोकने के लिए कुछ खास नुस्खे..

बालों का झडऩा ऐसी समस्या है, जो किसी को भी तनाव में डाल सकती है। आज हर दूसरेव्यक्ति को बालों की समस्या से जूझना पड़ता है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो नीचे दिए आयुर्वेदिक नुस्खे एक बार जरूर अपनाएं। - नारियल के तेल में कपूर मिलाएं और यह तेल अच्छी तरह बालों में तथा सिर पर लगाएं। कुछ ही दिनों डेंड्रफ की समस्या से राहत मिलेगी।

गाय के घी का महत्त्व

आज खाने में घी ना लेना एक फेशन बन गया है . बच्चे के जन्म के बाद डॉक्टर्स भी घी खाने से मना करते है . दिल के मरीजों को भी घी से दूर रहने की सलाह दी जाती है .ये गौमाता के खिलाफ एक खतरनाक साज़िश है . रोजाना कम से कम २ चम्मच गाय का घी तो खाना ही चाहिए . - यह वात और पित्त दोषों को शांत करता है . - चरक संहिता में कहा गया है की जठराग्नि को जब घी डाल कर प्रदीप्त कर दिया जाए तो कितना ही भारी भोजन क्यों ना खाया जाए , ये बुझती नहीं .

शहद और दालचीनी से करें रोगों का निवारण

शहद और दाल चीनी के मिश्रण में मानव शरीर के अनेकों रोगों का निवारण करने की अद्भुत शक्ति है। दुनियां के करीब सभी देशों में शहद पैदा होता है। आज के वैग्यानिक इस तथ्य को स्वीकार कर चुके हैं कि शहद कई बीमारियों की अचूक औषधि है। वैग्यानिक कहते हैं कि शहद मीठा जरूर है लेकिन अगर इसे सही मात्रा में सेवन किया जावे तो मधुमेह रोगी भी इससे लाभान्वित सकते हैं। हृदय रोगों में उपयोगी है--- शहद और दालचीनी के पावडर का पेस्ट बनाएं और इसे रोटी पर चुपडकर खाएं। घी या जेली के स्थान पर यह पेस्ट इस्तेमाल करें। इससे आपकी धमनियों में कोलेस्टरोल जमा नहीं होगा और हार्ट अटेक से बचाव होगा।

खराश मिटाने वाले उपाय

गले में खराश की समस्या सामान्य रूप से वाइरस या बैक्टिरिया के संक्रमण के कारण होती है। कभी - कभी एंटिबायोटिक्स लेने पर भी खराश पीछा नहीं छोड़ती है। माना जाता है ऐसा पेट के एसिड में अनैसर्गिक कमी होने का कारण हो सकता है। ऐसे में घरेलु उपचार ही सबसे कारगर होते हैं। अगर लंबे समय से गले की खराश से परेशान हैं तो नीचे लिखे उपाय जरूर अपनाएं। - 1-2 लहसुन की कलियाँ और 2 लौंग लेकर उसका पेस्ट बनाये और उसे 1 कप मधु के साथ मिलाएं। इस घोल का 1 चम्मच सुबह शाम सेवन करें। - गरम दूध में जरा सा हल्दी पावडर मिला के सोने से पहले सेवन करने पर भी आराम मिलता है। - एक पूरा प्याज को थोड़े से पानी में उबालें।उसके बाद उसेपीस कर उसमे थोड़ा मक्खन नमक मिला ले और इस पेस्ट का सेवन करें। एक बार में ही आराम मिल जायेगा। - शहद में अदरक का रस मिलाकर सेवन करें। - सौंफ चबाने से भी गले की खराश दूर होती है। - तुलसी की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है।

मुंहासे , बच्चो के पेट में कीड़े , चोट लगना, खून बहना

नुसखे ============= बच्चो के पेट में कीड़े ------------------------- * कृमि की अवस्था में खाली पेट अनन्नास सेवन करना चाहिए क्योंकि यह कृमि नाशक है। पेट में कृमि होने पर अनन्नास सेवन करने से सप्ताह भर में ही कृमि दूर हो जाते हैं। इस दृष्टि से यह बच्चों के लिए भी विशेष उपयोगी है। * यदि बच्चों के पेट में कीड़े पड़ गए हों तो प्याज का रस पिलाने से कीड़े मर कर निकल जायेंगे। मुंहासे