करेला खाने के फायदे जो आप नहीं जानते होंगे
करेला के गुणों से सब परिचित हैं |
मधुमेह के रोगी विशेषतः इसके रस और सब्जी का सेवन करते हैं | समस्त भारत में इसकी खेती की जाती है | इसके पुष्प चमकीले पीले रंग के होते हैं | इसके फल 5-25 सेमी लम्बे,5 सेमी व्यास के,हरे रंग के,बीच में मोटे,सिरों पर नुकीले,कच्ची अवस्था में हरे तथा पक्वावस्था में पीले वर्ण के होते हैं | इसके बीज 8-13 मिमी लम्बे,चपटे तथा दोनों पृष्ठों पर खुरदुरे होते हैं जो पकने पर लाल हो जाते हैं | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जून से अक्टूबर तक होता है | आज हम आपको करेले के कुछ औषधीय प्रयोगों से अवगत कराएंगे -
मधुमेह के रोगी विशेषतः इसके रस और सब्जी का सेवन करते हैं | समस्त भारत में इसकी खेती की जाती है | इसके पुष्प चमकीले पीले रंग के होते हैं | इसके फल 5-25 सेमी लम्बे,5 सेमी व्यास के,हरे रंग के,बीच में मोटे,सिरों पर नुकीले,कच्ची अवस्था में हरे तथा पक्वावस्था में पीले वर्ण के होते हैं | इसके बीज 8-13 मिमी लम्बे,चपटे तथा दोनों पृष्ठों पर खुरदुरे होते हैं जो पकने पर लाल हो जाते हैं | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जून से अक्टूबर तक होता है | आज हम आपको करेले के कुछ औषधीय प्रयोगों से अवगत कराएंगे -
1- करेले के ताजे फलों अथवा पत्तों को कूटकर रस निकालकर गुनगुना करके 1-2 बूँद कान में डालने से कान-दर्द लाभ होता है |
2- करेले के रस में सुहागा की खील मिलाकर लगाने से मुँह के छाले मिटते हैं |
3-सूखे करेले को सिरके में पीसकर गर्म करके लेप करने से कंठ की सूजन मिटती है ।
4- 10-12 मिली करेला पत्र स्वरस पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं |
5- करेला के फलों को छाया शुष्क कर महीन चूर्ण बनाकर रखें | 3-6 ग्राम की मात्रा में जल या शहद के साथ सेवन करना चाहिए | मधुमेह में यह उत्तम कार्य करता है | यह अग्नाशय को उत्तेजित कर इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाता है |
6- 10-15 मिली करेला फल स्वरस या पत्र स्वरस में राई और नमक बुरक कर पिलाने से गठिया में लाभ होता है |
7- करेला पत्र स्वरस को दाद पर लगाने से लाभ होता है | इसे पैरों के तलवों पर लेप करने से दाह का शमन होता है|
8- करेले के 10-15 मिली रस में जीरे का चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार पिलाने से शीत-ज्वर में लाभ होता है |
Comments
Post a Comment